बस्तर की परम्परागत हाट बाजार / bastar ki prampragat hat bazaar / bastar hat bazaar / bastar hat
लेखक - अमृत नरेटी
बस्तर की परम्परागत हाट बाजार प्राचीन काल से चले आ रहा है और आज भी "हाट" बाजार कुछ उसी तरह ही चल रहा है , यह "हाट" बाजार सप्ताह में एक बार होता है,यह "हाट" बाजार पंचायत स्तर एवं किसी भी बड़े ग्राम में होता है या जहाँ की जनसंख्या ज्यादा हो। इस "बाजार" शब्द को बस्तर के लोग तथा बस्तर के आदिवासी जनजाति समूह के द्वारा एवं बस्तर की भाषा में इस "बाजार" शब्द को "हाट" कहा जाता है , यह सप्ताहिक बाजार इसलिए लगाया जाता है क्यूँकि लोगों को सामान की पूर्ति के लिए रोजमर्रा की आवश्यक चीजो की खरीददारी एवं बिक्री किया जा सके। और यह "हाट" बाजार रितेदारो एवं लोगों से मिलने का भी बहुत बढि़या जरिया हैं जिससे बस्तर के आदिवासी जनजाति समूह के लोगों में व्यवहार अटूट और विश्वनीय नाता बना रहता है । बस्तर के आदिवासी जनजाति समुदाय अपना जीवन यापन करने के लिए छोट व्यापार एवं सप्ताहिक "हाट" बाजार करने के लिए दूरस्थ अंचल एवं अंदरूनी क्षेत्र से बिक्री एवं खरीदारी करने के लिए शहर जाते है जैसे - आलू , प्याज , टमाटर एवं अन्य चीजें की खरीददारी तथा बिक्री और बिक्री से जो आमदानी होती है उस आमदानी से आदिवासी अपना भरण पोषण (जीवन यापन) करके अपना घर चलाते हैं , ये आदिवासी महिला अपनी गोपा में सब्जी डालकर सामान बिक्री करते हैं ,गोपा को प्राचीन काल की थैला कहते हैं और आज के जमाने के लोग प्लास्टिक झोला एंव कपडे की झोली उपयोग करते हैं ।
बस्तर में लगभग 400 से अधिक सप्ताहिक "हाट" बाजार लगते थे , लेकिन नक्सलियो के डर से लगभग 200 से अधिक सप्ताहिक "हाट" बाजार बंद हो गया,जिससे वहाँ के स्थानीय लोग 10 से 30 किलोमीटर पैदल चलकर या गाडी़ में जाकर रोजमर्रा की आवश्यक सामान खरीद कर लाते हैं , इन 200 सप्ताहिक "हाट" बाजार में हमेशा नक्सलियो का दहशत रहता था कभी बाजार में किसी का नक्सलियो द्वारा हत्या कर दी जाती थी तो कभी किसी को डराते धमकाते थे इसीलिए इन "हाट" बाजारो को बंद कर दिया गया है और इन आदिवसियो को जरूरत की सामान के लिए शहर का रूख करना पड़ता है ।
इस बस्तर के "हाट" बाजार में आदिवासी जनजाति समुदाय का मुख्य व्यापार सब्जी , सुक्सी, लांदा, सल्फी, छिंद , पत्ता ,दातुन कंद और भी अन्य चीज का व्यापार करके उस आमदानी का अपना जीवन यापन करते हैं ।
1 टिप्पणियाँ
Gjb bhanje
जवाब देंहटाएंplease do not enter any spam link in the comment box