नमस्कार दोस्तो मैं अमृत नरेटी और आप सभी का इस बस्तर मिंटो ब्लॉग वेबसाइट मे स्वागत है तो चलिए दोस्तो आज हम आपको बताने वाले है केशकाल टाटामारी के बारे में तब तक के लिए आप इस पोस्ट पर बने रहिए और पढ़ते रहिए.. |
छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रकृति की झोली कहे जाने वाला बस्तर संभाग के कोंडागांव जिला के विकासखंड केशकाल जो कई प्राकृतिक सौंदर्यता स्थल को अपने झोली में समेटे हुए हैं इस केशकाल विकासखंड में आपको कई जलप्रपात एवं पठार (पहाड़) तथा इसके साथ आपको कई दर्शनीय स्थल देखने मिलेगा जो बहुत ही आकर्षित है।
उसी में से केशकाल की एक पर्यटन स्थल टाटामारी है जो केशकाल के बहुत करीब है इस टाटामारी पर्यावरण केन्द्र में आपको प्राकृतिक सौंदर्यता की एक सुन्दर नजारा देखने को मिलेगा एवं यहाँ चारो ओर से एक के ऊपर एक बनी एवं दुर दुर तक फैली हरे भरे हरियाली पहाड़ों के श्रृंखला की सुंदर वादियांँ आपको मनोरमित एवं मनमुग्ध कर देगा इस टाटामारी मे बहुत ही गहरी खाई है तथा यहाँ पहाडो़ की सुंदर नजारा देखने के लिए एक उँची टावर बनाया गया है जहाँ से आप प्रकृति का भरपूर आनंद ले सकते हैं, यहाँ की मौसम बहुत ही सुहावना एवं सुंदर है, टाटामारी पहाड़ के ऊपर मे होने के कारण पर्यटकों के लिए यह स्थान उभरता जा रहा है इस टाटामारी पर्यावरण केन्द्र में बच्चों के खेलने कुदने के लिए झूला पार्क बनाया गया है एवं पर्यटकों के लिये यहांँ भोजन चाय नाश्ता की व्यवस्था की गई है तथा यहाँ रुकने के लिए eco tourism keshkal संस्था द्वारा रुकने की व्यवस्था की गई है जहाँ पर कोई भी पर्यटक रुक सकता है और यह संस्था पर्यटकों को ट्रैवल गाइड करती है तथा साथ मे ट्रेकिंग एवं ट्रैवल भी कराती है।
• माता महा लक्ष्मी शक्ति पीठ -
इस धन धान्य के अधिश्ठात्री स्वरुप माता महा लक्ष्मी शक्ति पीठ टाटामारी केशकाल में आदिकाल से पौराणिक मान्यताओं पर अखंड ऋषि के तपोवन पर स्थापित है बारह भंवर केशकाल घाटी के ऊपरी पठार पर पिछले कई वर्षो से दीपावली लक्ष्मी पूजा के दिन विधि - विधान से श्रध्दालुजन पूजा अर्चना सम्पन्न करते आ रहें है।
भंगाराम मांई के मंदिर होते हुए टाटामारी के ऊपरी पठार पर महालक्ष्मी शक्ति पीठ स्थल तक श्रध्दालु पहुँचते है| प्राकृतिक सौंदर्यता से आच्छादित स्थल मनोरमा छटा सौंदर्यमयी अनुपम स्थल का दर्शन करते है इस ऐतिहासिक धरोहर स्थल टाटामारी के पठार लगभग डेढ़ सौ एकड़ जमीन पर फैली अनुपम ऊँची चोटियों का विहंगम दृश्य देखने को मिलता है यह स्थल नैसर्गिक रुप से मनोहारी है |
• टाटामारी कैसे पहुँचे -
अगर आप इस जगह को देखने रायपुर से आते है तो आपको 151km किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ेगी और अगर आप जगदलपुर से आते है तो आपको 141km किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी जब आप केशकाल पहुंच जायेंगे तो आपको विश्रामपुरी चौक से थोड़े पहले तथा घाट से पहले एक रास्ता पूर्व दिशा की ओर कटा हुआ मिलेगा जिस रास्ता से आप टाटामारी जा सकते है तथा यह रास्ता आपको उत्तर पूर्व दिशा की ओर लेकर जाता है टाटामारी पहुंचने से कुछ दूर पहले आपको एक दोहरा रास्ता मिलेगा जो कि एक रास्ता मंदिर की ओर ले जाती है और एक टाटामारी पठार ले जाती है जो दाहिने की ओर कच्ची वाली रास्ता टाटामारी ले जाती है |
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